Sunday, June 3, 2018

एक शे'र

इक बेशऊर दरिया की लहरों में ऊब कर।
मछली ने जान दे दी समुन्दर में डूब कर।

Sunday, March 25, 2018

एक रुबाई

★मफ़ऊल मुफ़ाईल  मुफ़ाईलुन फ़ा★

गुज़रेगी जो  बिस्मिल पे   बता   दे मुझको।
कब  पहुँचूगा  साहिल  पे  बता दे  मुझको।
इक तू  ही तो वाक़िफ़  है हर  इक  ज़र्रे से,
क्या लिक्खा है उस दिल पे बता दे मुझको।

©रोहिताश्व मिश्रा 'रोहित-रौनक़'