★मफ़ऊल मुफ़ाईल मुफ़ाईलुन फ़ा★
गुज़रेगी जो बिस्मिल पे बता दे मुझको।
कब पहुँचूगा साहिल पे बता दे मुझको।
इक तू ही तो वाक़िफ़ है हर इक ज़र्रे से,
क्या लिक्खा है उस दिल पे बता दे मुझको।
©रोहिताश्व मिश्रा 'रोहित-रौनक़'
गुज़रेगी जो बिस्मिल पे बता दे मुझको।
कब पहुँचूगा साहिल पे बता दे मुझको।
इक तू ही तो वाक़िफ़ है हर इक ज़र्रे से,
क्या लिक्खा है उस दिल पे बता दे मुझको।
©रोहिताश्व मिश्रा 'रोहित-रौनक़'
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